

सूरजपुर: आजादी के 75 वर्षों बाद भी सौहार ग्राम के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। मयूरधक्की के पास स्थित इस ग्राम में नदी पार करने के लिए ग्रामीणों को अपने हाथों से बनी नाव (डोंगा) का सहारा लेना पड़ता है। आज तेज बहाव वाली नदी में नाव पलट गई, लेकिन ग्रामीणों की सुझबुझ और सतर्कता के चलते बड़ा हादसा टल गया। यह घटना प्रशासन की अनदेखी और विकास की कमी को उजागर करती है।
ग्रामीण तेज बहाव वाली नदी को पार कर रहे थे, तभी नाव अनियंत्रित होकर पलट गई। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन यह स्थिति ग्रामीणों की जीवन-यात्रा की कठिन हकीकत को उजागर करती है। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और मरीज भी इस नदी पार करने के लिए डोंगा का सहारा लेते हैं, जो आज के डिजिटल युग में भी मुलभुत सुविधाओं की कमी को दर्शाता है।500 की आबादी वाले सौहार ग्राम की यह स्थिति प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों ने वर्षों से पुल निर्माण की मांग की, लेकिन लंबे संघर्षों के बावजूद न तो बजट मिला, न टेंडर हुआ और न ही कार्य प्रारंभ हो सका।
ग्रामीण अब पुल निर्माण होने तक लाइफ जैकेट और मोटर बोटकी मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में किसी बड़ी त्रासदी को रोका जा सके।सूरजपुर जिले के इस ब्लॉक मुख्यालय ओडगी से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सौहार ग्राम में यह घटना प्रशासन की अनदेखी और अव्यवस्था का स्पष्ट उदाहरण है।






















