बलरामपुर: शासकीय महाविद्यालय बलरामपुर में रजत जयंती समारोह वर्ष के अवसर पर प्राचार्य प्रो नंद कुमार देवांगन की अध्यक्षता में छात्र-छात्राओं द्वारा शिक्षक दिवस का भव्य आयोजन उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। महाविद्यालय परिवार ने सामूहिक रूप से डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के आदर्श जीवन, शिक्षा के प्रति उनके योगदान और शिक्षक-शिष्य परंपरा की गरिमा को स्मरण किया।

प्राचार्य प्रो. नंद कुमार देवांगन ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने तथा समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को अध्ययन-अध्यापन में पूर्ण समर्पण और सहयोग की शपथ भी दिलाई। प्राचार्य ने यह भी कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के सामूहिक प्रयास से ही शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि संभव है।उन्होंने विद्यार्थियों को मेहनत, अनुशासन और नैतिक मूल्यों को जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

डॉ. अर्चना गुप्ता ने शिक्षा में चरित्र निर्माण की भूमिका पर जोर दिया, वहीं प्रो. योगेश राठौर ने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक है जब वह समाजहित और राष्ट्रहित में उपयोगी बने। प्रो. ओमशरण शर्मा और डॉ. नैमिष वर्मा ने विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा के युग में दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया।मंच पर मुख्य अतिथि प्राचार्य देवांगन के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. नंद किशोर सिंह, डॉ. अर्चना गुप्ता, प्रो. योगेश राठौर, प्रो. ओमशरण शर्मा, डॉ. नैमिष वर्मा,  आनंद चौबे एवं पिंटू मंडल, अन्य प्राध्यापकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में शिक्षा और शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का प्रसारक ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन को दिशा देने वाले सच्चे पथप्रदर्शक भी होते हैं।

मंच संचालन का दायित्व महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बखूबी निभाया। एम.एससी. छात्र अक्षय कुमार, एम.ए. छात्र रोहित गुप्ता और बी.एससी. छात्र आर्यन गुप्ता ने अपने सधी हुई भाषा शैली और ऊर्जा से कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। विद्यार्थियों ने इस दिन को अपने शिक्षकों को समर्पित करते हुए सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और काव्यपाठ भी प्रस्तुत किए, जिससे वातावरण उल्लासमय और भावनात्मक बन गया।कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर शिक्षक दिवस की सफलता और शिक्षा के उत्थान के संकल्प को दोहराया।

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