रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य तेजी से शुरू हो चुका है। बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा और जगदलपुर जिला यूनियन में 28 अप्रैल तक 22 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहित हो चुका है। तेन्दूपत्ता एवं लुघ वनोपज के संग्राहकों को संग्रहण पारिश्रमिक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाईन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा एक सॉफ्टवेयर ऑनलाईन एमएफपी कलेक्शन एण्ड पेमेंट सिस्टम तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व और वन मंत्री  केदार कश्यप के मार्गदर्शन में राज्य में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 5500 रूपए का पारिश्रमिक भुगतान किया जा रहा है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण की पारिश्रमिक दर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है। इसका लाभ संग्राहकों को वर्ष 2024 से ही मिल रहा है। राज्य में इस साल 16 लाख 72 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की पूर्ति होने पर राज्य के लगभग 14 लाख संग्राहक परिवारों को लगभग 920 करोड़ रूपए की राशि पारिश्रमिक के रूप में भुगतान की जाएगी।

यहा यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025 में राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य 31 जिला वनोपज सहकारी यूनियनों के अंतर्गत संचालित 902 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 954 लाटों में किया जा रहा है। राज्य में इस साल 16 लाख 72 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का अनुमानित लक्ष्य है, जिसमें से 5 लाख 64 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण बस्तर संभाग में होना है। यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य की 21 जिला यूनियनों की 868 समितियों के समस्त 661 लॉटों की अधिसूचित मात्रा 10.08 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता का अग्रिम विक्रय 767 करोड़ रूपए में किया जा चुका है।

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