नई दिल्ली। दिल्ली के पश्चिम विहार ईस्ट थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट और उनके तीन सहयोगी पुलिसकर्मी 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़ गए। इनके साथ एक सिविलियन अजय कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने पीड़ित से रिश्वत की डील कराई थी।

क्या है पूरा मामला?

मामला तब शुरू हुआ जब कुछ पुलिसकर्मी नीरज, जो एक कंसल्टिंग फर्म चलाते हैं, के ऑफिस पहुंचे और सबसे पहले सीसीटीवी कनेक्शन काट दिया। इसके बाद उन्होंने नीरज को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी और उन्हें जबरन उठा ले जाकर मारपीट भी की गई।

बाद में अजय कुमार ने 40 लाख रुपये में मामला ‘निपटाने’ की बात कही। कुछ रकम नकद दी गई और बाकी राशि अजय के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई। बचे हुए 20 लाख रुपये बाद में देने तय हुए थे। इन्हीं पैसों को लेते वक्त नीतू बिष्ट और उनकी टीम को विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ लिया।

पहले से थीं शिकायतें

सूत्रों के मुताबिक, नीतू बिष्ट के खिलाफ पहले भी अनियमितता की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। अब इन शिकायतों को भी गंभीरता से जांचा जा रहा है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और जांच पूरी होने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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