कोरबा। एसईसीएल की दीपका कोल खदान के विस्तार के लिए आज सुबह हरदी बाजार में बलपूर्वक जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया गया। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी खदान अधिकारियों के साथ मौके पर मौजूद हैं। दृश्य ऐसा था मानो कोई सैन्य अभियान चल रहा हो।

ग्रामीणों में भारी रोष देखा गया, जो लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन और एसईसीएल के अधिकारियों ने उन्हें उचित जानकारी और मुआवजा प्रक्रिया के बारे में नहीं बताया। “हमारी जमीन हमारी पहचान है, लेकिन एसईसीएल इसे जबरदस्ती छीन रही है,” एक ग्रामीण ने कहा।सर्वे टीम अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों के माध्यम से सरकारी भवनों और निजी संपत्तियों की नाप-जोख कर रही है। ड्रोन्स और जीआईएस मैपिंग तकनीक के माध्यम से जमीन की सीमाओं और भू-स्वामित्व की पहचान की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया खदान विस्तार के लिए आवश्यक औपचारिकताओं का हिस्सा है, लेकिन ग्रामीण इसे असंवेदनशील और दबावपूर्ण तरीके से किया गया मान रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस बल की भारी मौजूदगी ने उन्हें प्रतिरोध करने से रोका। पुलिस और प्रशासन का दावा है कि यह कार्य विधिसम्मत है और सभी कानूनी प्रावधानों का पालन किया जा रहा है।हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजा और पुनर्वास योजना अभी तक स्पष्ट नहीं की गई है। इस कार्यवाही से इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया है और कई ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, एसईसीएल की यह कार्रवाई केवल खनन विस्तार के लिए नहीं, बल्कि कंपनी के व्यापारिक हितों और राज्य के ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने की रणनीति का हिस्सा है। वहीं, स्थानीय समुदाय इसे उनकी जीवनशैली और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे के रूप में देख रहे हैं।

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