बलरामपुर: बलरामपुर जिले के तहसील राजपुर अंतर्गत ग्राम आरा में पट्टे की जमीन को लेकर बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। राजस्व अभिलेखों में कूटरचना और बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के फर्जी नामांतरण के आरोप में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि नौ अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

जानकारी के अनुसार  नायब तहसीलदार नरेंद्र कुमार कंवर ने कलेक्टर बलरामपुर के आदेश के तहत गठित जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि ग्राम आरा के खाता क्रमांक 117, 131, 158, 35, 164, 112, 118 और 37 में अवैध रूप से नाम दर्ज कराए गए हैं, जो पूरी तरह से फर्जी हैं।इन जमीनों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिस पर शासन द्वारा गठित जांच समिति ने जमीनी दस्तावेजों और राजस्व रिकॉर्ड की गहन जांच कर रिपोर्ट सौंपी। जांच में पाया गया कि बिना सक्षम आदेश के खसरा-पंचसाला जैसे रिकॉर्ड में नाम जोड़ दिए गए हैं।

इस मामले में कमरूदीन अंसारी पिता मोहिउदीन अंसारी (उम्र 62 वर्ष) निवासी कुन्दीकला थाना लुंड्रा जिला सरगुजा और मुमताज जुलाहा पिता सुलेमान (उम्र 45 वर्ष) निवासी आरा बरियों, थाना राजपुर को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने पुराने पट्टों, रजिस्ट्री और ऋण पुस्तिका के आधार पर अपनी जमीन होने की बात स्वीकार की, लेकिन अभिलेखों में नाम दर्ज कराए जाने की प्रक्रिया में अनियमितता सामने आई।

कमरूदीन ने बताया कि उसे सिंहदेव योजना में वर्ष 1978-79 में 1.092 हेक्टेयर भूमि मिली थी, लेकिन बाद में अन्य नाम बिना प्रक्रिया के दर्ज किए गए। वहीं मुमताज ने बताया कि उसने 2005 में रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन खरीदी थी, जिसे 2023 में इकबाल नामक व्यक्ति को बेच दिया। दस्तावेजों के सत्यापन के लिए स्थानीय पटवारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और अन्य फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।

इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी उप निरी. रविन्द्र प्रताप सिंह, प्र.आर. प्रदीप यादव, भदेश्वर पैकरा, विजय गुप्ता, बृजभान पैकरा, आर. जगनाथ केराम, सुबोध पैकरा, सुरेन्द्र रवि, रंजित गुप्ता, अनिल एक्का, म.आर. सरिता, चमेली शामिल रहे।

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