रायपुर: सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ की तत्परता और समर्पित देखरेख से मानसिक तनाव से जूझ रही एक महिला ने नया जीवन पाया है। समय पर मिले परामर्श, उपचार और भावनात्मक सहयोग के चलते आज वह न केवल स्वस्थ है, बल्कि परिवार के साथ सामान्य जीवन जी रही है।

यह मामला 18 जून 2025 को माननीय न्यायालय रायगढ़ के समक्ष प्रस्तुत हुआ था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने महिला की असामान्य मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे तत्काल सहायता और मनोवैज्ञानिक परामर्श की आवश्यकता बताई। जिला महिला एवं संरक्षण अधिकारी ने बताया कि न्यायालय में चाइल्ड लाइन परियोजना अधिकारी और सखी सेंटर के अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति में कैमरा प्रोसिडिंग के माध्यम से पीड़िता से बातचीत की गई। पूछताछ के दौरान उसके जवाब असंबद्ध थे और बार-बार घर जाने की जिद करने पर न्यायालय ने मानसिक दबाव की संभावना जताई।

न्यायालय के निर्देश पर पीड़िता को तत्काल सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ में अस्थायी आश्रय दिया गया और मानसिक स्वास्थ्य उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज रायगढ़ भेजा गया। 19 जून को चिकित्सकीय परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने आवश्यक दवाएं दीं। नियमित इलाज और सखी सेंटर के सतत सहयोग से उसकी मानसिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आने लगा।

उपचार और परामर्श के पश्चात पीड़िता को उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया और फिर एक माह तक चिकित्सा निगरानी में पति के साथ रखा गया। सतत फॉलोअप और मानसिक समर्थन से 21 अगस्त 2025 को उसने अपने ससुराल लौटने की इच्छा व्यक्त की और लिखित रूप से सखी वन स्टॉप सेंटर का आभार जताते हुए प्रकरण को समाप्त करने का निवेदन किया।

वर्तमान में वह अपने पति और शिशु के साथ स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही है। वह नियमित रूप से मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में फॉलोअप कर रही है और सखी सेंटर से जुड़े रहकर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी साझा करती है। सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ का यह प्रयास इस बात का उदाहरण है कि समय पर मिली सहायता, परामर्श और मानवीय संवेदना किसी भी संकटग्रस्त महिला के जीवन में उम्मीद और स्थिरता ला सकती है।

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