रायपुर। भारतीय डाक विभाग ने एक बड़ा और असरदार फैसला लिया है, जिससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। 1 सितंबर 2025 से 50 साल पुरानी सस्ती रजिस्ट्री पार्सल बुकिंग सेवा को बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद कोई भी पार्सल भेजने के लिए लोगों को स्पीड पोस्ट का ही विकल्प अपनाना होगा, जो कि काफी महंगा है।

डाक विभाग ने इस सेवा को स्पीड पोस्ट में मर्ज करने का निर्णय लिया है। उप महानिदेशक (मेल) दुष्यंत मुदगिल ने देशभर के पोस्टमास्टरों को इसकी आधिकारिक जानकारी दे दी है। विभाग का दावा है कि यह बदलाव मेल सेवाओं को आधुनिक और तेज बनाने, ट्रैकिंग सुधारने और कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है।

हालांकि हकीकत यह है कि अब डाकघर ‘नो प्रॉफिट-नो लॉस’ की नीति छोड़कर पूरी तरह व्यापारिक मॉडल पर चल रहा है।

जेब पर बढ़ेगा बोझ

अब तक 20 ग्राम के पार्सल पर जहां ₹26–₹27 खर्च होते थे, वहीं स्पीड पोस्ट से वही पार्सल ₹41 में जाएगा। यानी लगभग 75% अधिक खर्च। 35 किलो तक के पार्सल के लिए यह राशि हजारों में पहुंचेगी, जिससे डाक विभाग को भारी आमदनी होगी।

स्पीड पोस्ट पर पहले से सवाल

स्पीड पोस्ट की लेट-लतीफी और ट्रैकिंग की खामियां पहले से चर्चा में रही हैं। कभी एडमिट कार्ड देर से पहुंचते हैं, तो कभी राखियां त्योहार के बाद आती हैं। रजिस्ट्री की पावती सुविधा स्पीड पोस्ट में नहीं है, जिससे भरोसे में गिरावट आती है।

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