अम्बिकापुर: शिक्षा में सुधार और प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पहुंचाने के लक्ष्य के तहत राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति अब ग्रामीण स्कूलों में सकारात्मक बदलाव ला रही है। संकुल उदारी, विकासखंड लुण्ड्रा अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला बाँसपारा, जो पहले एकल शिक्षकीय विद्यालय था, अब दो शिक्षकयुक्त विद्यालय बन गया है। इससे बच्चों की शिक्षा में निरंतरता और गुणवत्ता दोनों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

पहले प्राथमिक शाला बांसपारा  में केवल प्रधान पाठक  शिवलाल पैकरा कार्यरत थे। दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने 33 विद्यार्थियों की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाई। अब शासन की पहल से शिक्षिका संगीता तिर्की की पदस्थापना अम्बिकापुर से की गई है, जिससे विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था को नई गति मिली है। और विद्यार्थियों को विषयवार अध्ययन का बेहतर अवसर मिल रहा है। शिक्षिका  संगीता तिर्की ने बताया कि अम्बिकापुर से लुण्ड्रा दूरी पर है, लेकिन हमारा शिक्षकीय धर्म है कि जहां भी हमें सेवा का अवसर मिले, हम बच्चों को बेहतर शिक्षा दें। यहां आने के बाद विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है। बच्चे अब मन लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं। शासन की यह पहल सराहनीय है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।

ग्राम पंचायत उदारी की सरपंच  सीमा पैकरा ने बताया कि पहले हमारे गांव का स्कूल एकल शिक्षकीय था, जिससे शिक्षा कार्य प्रभावित हो रहा था। अब शासन की युक्तियुक्तकरण पहल से दो शिक्षक पदस्थ हो गए हैं। इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और अभिभावकों का भी विद्यालय पर भरोसा बढ़ेगा। हम इस पहल के लिए मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय और शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त करते हैं।

विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शिक्षक युक्तियुक्तकरण से न केवल बाँसपारा बल्कि विकासखंड के ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल रहा है। शासन ने शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और सुलभ बनाने की दिशा में एक और सार्थक पहल की है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!