रायपुर।छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता आज लालटेन और चिमनी लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। कांग्रेस ने बिजली दरों में वृद्धि, एफपीपीसी शुल्क, स्मार्ट मीटर की अव्यवस्था और सरकारी विभागों द्वारा बिजली बिल बकाया जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार और पावर कंपनियों को आड़े हाथों लिया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मई माह के बिलों में 7.15% एफपीपीसी (फ्यूल प्राइस एंड पावर परचेज कॉस्ट) शुल्क जोड़ा गया है, जिससे आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और पावर कंपनियां मिलकर जनता पर 4500 करोड़ रुपये के घाटे का भार डालना चाहती हैं।

शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे एवं पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के नेतृत्व में सैकड़ो कांग्रेसी विद्युत विनियामक आयोग में बिजली की दरों में वृद्धि को लेकर की जा रही जनसुनवाई में लालटेन और चिमनी लेकर पहुंचे।उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सर प्लस बिजली उत्पादन वाला प्रदेश रहा है लेकिन जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी है तब से लेकर आज तक बिजली विभाग का हाल बेहाल है और लगातार बिजली की दरों में वृद्धि की जा रही है वहीं पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली बिल हाफ योजना का लाभ इस प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिल रहा था उसे भी बंद कर दिया गया है जबकि सुविधा के नाम पर बिजली विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं है और लगातार बिजली कटौती ,लो वोल्टेज से छत्तीसगढ़ की जनता परेशान है।

पूर्व विधायक ने कहा कि स्मार्ट मीटर सरकारी कार्यालय मैं पहले लगाना है लेकिन अभी तक 15% भी नहीं लगा है विभागों में और आम उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के नाम पर परेशान किया जा रहा है और स्मार्ट मीटर में बिजली बिल भी ज्यादा आने की शिकायतें लगातार आ रही है , सरकारी कार्यालय का बिजली बिल 1750 करोड़ रु बकाया है और आम जनता का 500 रु भी बाकी है तो बिजली विभाग के लोग लाइन काटने पहुंच जाते है जनसुनवाई भी चोरी छुपे की जा रही है जबकि सरकार की पूरी मंशा बन चुकी है बिजली की दर को बढ़ाने की, पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा 65 लाख से भी अधिक उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ योजना का लाभ दिया जा रहा था जिसे अब बंद कर दिया गया है।

उपाध्याय ने बताया कि पावर कंपनी के 4500 करोड़ घाटे की याचिका की पूर्ति छत्तीसगढ़ की जनता से करने की तैयारी में है छत्तीसगढ़ की सरकार , मई के बिल से में 7:15 फ़ीसदी एफपीपीएएस शुल्क बढ़ाने की तैयारी हो चुकी है आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिजली को लेकर ऐसे दिन देखने को मिलेंगे की लालटेन और मोमबत्ती का ही सहारा लेना पड़ेगा इसीलिए आज विरोध प्रदर्शन लालटेन लेकर सरकार एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों को जगाने किया गया है और सच्चाई से अवगत कराया गया है।  “छत्तीसगढ़ की बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे है,” – ऐसा कहते हुए कांग्रेस ने जनसुनवाई प्रक्रिया को ‘चोरी-छुपे’ बताया और जनता की भागीदारी के अभाव पर भी सवाल उठाए।इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आयोग परिसर के बाहर जमकर नारेबाजी की और लालटेन तथा चिमनी दिखाकर बिजली संकट का प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया।

प्रदर्शन में शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, प्रमोद चौबे, कन्हैया अग्रवाल, श्री कुमार मेनन, आकाश तिवारी,कमलाकांत शुक्ला, सुनील बाजारी, प्रशांत ठेंगड़ी, शीनू, देवकुमार साहू, ईश्वरी नामदेव, संदीप तिवारी, विनोद कश्यप, कुणाल दुबे, अनिल रायचूरिया, शीतेंद ठाकुर, अजय निषाद, प्रीति सोनी, विकास अग्रवाल,डोमेश शर्मा, शाहरुख अशरफी, अभिषेक ठाकुर, वेद प्रकाश कुशवाहा, हर्षित जायसवाल सहित सैकड़ों कांग्रेसी उपस्थित थे।

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