अंबिकापुर: राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अंबिकापुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह  के अवसर पर  जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा प्राचार्य  डॉ. स्नेहलता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में किया गया। इस वर्ष की थीम “आपदाओं और आपातकालीन संकटों के समय मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना रही।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि  आपदाओं या संकट की घड़ी में प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ समान रूप से उपलब्ध हों, ताकि वे मानसिक रूप से सशक्त बने रह सकें।कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत छात्रों ने पौधे भेंटकर किया। विशिष्ट अतिथि आर्ट ऑफ लिविंग की शिक्षिका  ममता तिवारी का स्वागत कु. मालती दास ने किया, जबकि मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार सिन्हा IQAC समन्वयक, का स्वागत कु. भाविता ने किया।

मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तृप्ति विश्वास ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। मुख्य अतिथि डॉ. सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि “किसी भी आपदा या संकट के दौरान लोगों का मानसिक संतुलन सबसे पहले प्रभावित होता है, इसलिए ऐसे समय में परामर्श और मनोवैज्ञानिक सहयोग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।”

प्राचार्य डॉ. स्नेहलता श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि “आज के तनावपूर्ण जीवन में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक रूप से। तनाव प्रबंधन जीवन की सबसे अहम कला है।”विशिष्ट अतिथि ममता तिवारी ने मेडिटेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को ध्यान अभ्यास कराया। इस कार्यक्रम का संचालन सोहिनी सिंह, अतिथि व्याख्याता (जनभागीदारी), द्वारा किया गया, जबकि आभार प्रदर्शन  ज्योति लकड़ा, सहायक प्राध्यापक, मनोविज्ञान विभाग ने किया।

इस अवसर पर विभाग की लैब तकनीशियन  अल्पना भारती, डॉ. दामिनी स्वर्णकार अंकिता भोई तथा मनोविज्ञान एवं मानवविज्ञान विभाग के अनेक छात्र-छात्राएँ  दीपक, जयंती, अंशिका, मालती, शशिता, अंजली, गुफराना परवीन, प्रतिभा, अभिषेक गुप्ता, सपन आदि  सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।

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