

अम्बिकापुर: कलेक्टर विलास भोसकर ने शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा बैठक ली थी। बैठक में पीएम आवास योजना के कार्य में लापरवाही बरतने एवं अनाधिकृत रूप से बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने पर 02 ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया है। वहीं शासन की अतिमहत्वपूर्ण योजना के संचालन में रूचि नहीं लिए जाने एवं कार्य में लापरवाही किये जाने पर 01 सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
जनपद पंचायत अंबिकापुर के ग्राम पंचायत पम्पापुर में पदस्थ सचिव शम्भूशंकर सिंह बैठक में अनाधिकृत रूप से बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे। ग्राम पंचायत में जनमन योजना अन्तर्गत 31 आवास स्वीकृत हैं, जिसमें से एक भी आवास पूर्ण नहीं है। इसी प्रकार जनपद पंचायत सीतापुर के ग्राम पंचायत गेरसा में पदस्थ सचिव मनबहाल राम अनाधिकृत रूप से बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे। ग्राम पंचायत में जनमन योजना अन्तर्गत 24 आवास स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल 07 आवास पूर्ण है। इससे स्पष्ट होता है कि इन सचिवों के द्वारा शासन की महत्वकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में रूचि नहीं ली जा रही है, जो कि कार्य के प्रति लापरवाही को प्रदर्शित करता है। इस प्रकार इनका कृत्य छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के नियम-3 के सर्वथा विपरीत एवं दण्डनीय है। उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, बिना सूचना के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के फलस्वरूप तत्काल प्रभाव से इन्हें जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में श्री शम्भूशंकर सिंह का मुख्यालय जनपद पंचायत अंबिकापुर तथा श्री मनबहाल राम का मुख्यालय जनपद पंचायत सीतापुर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
कार्य में लापरवाही पर ग्राम पंचायत रघुपुर के सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी-
बैठक में जनपद पंचायत लुण्ड्रा के ग्राम पंचायत रघुपुर के आवास प्रगति की समीक्षा के दौरान पाया गया कि ग्राम पंचायत में 67 आवास स्वीकृत हैं जिसमें आज दिनांक तक एक भी आवास पूर्ण नहीं है। ग्राम पंचायत रघुपुर के सचिव श्याम कुमार गुप्ता द्वारा शासन की अतिमहत्वपूर्ण योजना के संचालन में रूचि नहीं लिए जाने एवं कार्य में लापरवाही किये जाने के फलस्वरूप जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसके अनुसार कार्य में लापरवाही किये जाने के फलस्वरूप क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासन तथा अपील नियम 1999 के तहत कार्यवाही का जावे। उक्त संबंध में समाधानकारक उत्तर 03 दिवस के भीतर उपलब्ध कराने कहा गया है अन्यथा इनके विरूद्ध कड़ी एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।






















