नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किसानों की आत्मनिर्भरता और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए दो नई ऐतिहासिक योजनाओं – प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन – की शुरुआत की।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित विशेष कृषि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये दोनों योजनाएं देश के किसानों का भाग्य बदलने वाली साबित होंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश की आत्मनिर्भरता और किसानों के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ हो रहा है। ये योजनाएं भारत के लाखों किसानों की ज़िंदगी बदल देंगी।”

पीएम मोदी ने कहा कि कृषि भारत की विकास यात्रा की रीढ़ है, लेकिन पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र को अपने हाल पर छोड़ दिया, जिससे यह लगातार कमजोर होता गया। उन्होंने कहा, “2014 के बाद सरकार ने बीज से लेकर बाज़ार तक सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। पिछले 11 वर्षों में कृषि निवेश और किसानों को सशक्त बनाने पर निरंतर काम हुआ है।”

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत सरकार ने तीन प्रमुख मानकों पर 100 ज़िलों का चयन किया है —
1️⃣ खेत से उपज की मात्रा,
2️⃣ साल में खेती के चक्रों की संख्या,
3️⃣ और किसानों को ऋण व निवेश की सुविधा।
इस योजना में 36 सरकारी योजनाओं का एकीकरण किया जाएगा ताकि किसान एक ही मंच से सभी लाभ प्राप्त कर सकें।

वहीं, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन को 11,440 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ़ दाल उत्पादन बढ़ाने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के पोषण और स्वास्थ्य का अभियान है।

उन्होंने कहा, “गेहूँ और चावल पेट भर सकते हैं, लेकिन पोषण के लिए दालें बेहद आवश्यक हैं। शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का प्रमुख स्रोत दालें हैं, इसलिए देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है।”

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