

अंबिकापुर।प्रगतिशील लेखक संघ एवं होली क्रॉस वीमेंस कॉलेज ने संयुक्त रूप से प्रेमचंद जयंती मनाई।
कार्यक्रम का प्रारंभ हिंदी साहित्य की छात्राओं के स्वागत गीत से हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. रामकुमार मिश्रा ने विषय आधारित अपने वक्तव्य में कहा कि नैतिकता सापेक्ष होती है और करुणा सामाजिक, हर समुदाय की नैतिकता अलग होती है। हमें अपने परिवेश के प्रति सजग रहना चाहिए तभी हम वर्ग की नैतिकता समझ सकेंगे। यह हमारी आलोचनात्मक एवं रचनात्मक दृष्टि से ही संभव होगा। प्रो. मिश्रा ने कहा कि प्रेमचंद के साहित्य लेखन का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन को सफल बनाना था। वे अपनी रचनाओं के माध्यम से सिर्फ राजनैतिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे में परिवर्तन कर वास्तविक स्वतंत्रता चाहते थे,जो कि आज भी प्रतीक्षित और प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद और तुलसी दो लोक के कवि और कथाकार हैं । दोनों ने अपने वर्तमान को समझने की दृष्टि दी।
अंशिका त्रिपाठी, छात्र बी.ए. अंतिम ने प्रेमचंद की कालजई कहानी ‘ पूस की रात’ की समीक्षा की।
पूजा प्रजापति एम. ए. तृतीय सेमेस्टर ने प्रेमचंद के जीवनवृत्त को प्रस्तुत किया। प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी बूढी काकी लघु फिल्फ का प्रदर्शन किया गया। स्नातकोत्तर हिंदी दो हजार चौबीस पच्चीस बैच की छात्रा कु. सीमा को श्रेष्ठ मेधावी छात्रा प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शांता जोसेफ ने कार्यक्रम के लिए हिंदी विभाग और प्रलेस को बधाई प्रेषित की। कार्यक्रम में प्रलेस छत्तीसगढ़ के पूर्व अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल एवं इड़ा सांस्कृतिक मंच की संस्थापक डॉ. आशा शर्मा शामिल हुए।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष एवं प्रलेस अध्यक्ष डॉ. मृदुला सिंह ने किया। सक्रिय सहयोग सुमन भगत कविता एक्का एवं डॉ.पूजा नाग सहायक प्राध्यापक हिंदी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एम. ए. (हिंदी ) बी.ए. अंतिम के साहित्य की छात्राओं का योगदान रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक एवं छात्राओं की उपस्थित थे।






















