रायपुर/बिलासपुर: पोरबंदर-शालीमार हापा एक्सप्रेस हादसा शुक्रवार शाम को उस समय हुआ जब ट्रेन डाउन लाइन पर हावड़ा की ओर बढ़ रही थी। जयरामनगर और लटिया के बीच किमी 698/20ए-698/18ए पर रेलडाली ट्रैक पर रखी हुई थी। ट्रेन चालक ने ट्रैक खाली कराने के लिए बार-बार सीटी बजाई, लेकिन मौके पर मौजूद कर्मचारी हटे नहीं और न ही रेलडाली को हटाया गया। चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकने का प्रयास किया, लेकिन टक्कर हो गई। सौभाग्य से किसी यात्री को चोट नहीं आई, लेकिन हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।

रेल प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तुरंत कार्रवाई की। सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) प्रदीप मिंज और मेट संतराम को निलंबित कर दिया गया है। जांच में पाया गया कि यह घटना मेट संतराम की लापरवाही से हुई और उस समय मौजूद अन्य कर्मचारी भी जिम्मेदार थे। हालांकि, इंजीनियर प्रदीप मिंज ने तीन बजे मेट संतराम को कार्य का निर्देश देकर दूसरे निरीक्षण कार्य के लिए चले गए थे, लेकिन उनकी जिम्मेदारी भी तय की गई।

रेल प्रशासन ने इस घटना को “यात्रियों की जान से खिलवाड़” बताया और तुरंत चार सदस्यीय जांच समिति गठित की। जांच रिपोर्ट के आधार पर अब इंजीनियरिंग विभाग के और अधिकारी-कर्मचारी भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।

यह घटना रेल सुरक्षा और जिम्मेदारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!