दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उसने देशभर में फैले डिजिटल गिरफ्तारी स्कैम का भंडाफोड़ किया है। इस घोटाले में 400 से अधिक लोग ठगी का शिकार बने। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है: लोकेश गुप्ता (मुकुंदपुर, दिल्ली), मनोज चौधरी (हापुड़), मोहित जैन उर्फ रिंकू और केशव कुमार (ग्रेटर नोएडा), तथा सैफ अली (शाहदरा)। उनके कब्जे से 14 मोबाइल फोन, 33 सिम कार्ड, 40 चेक बुक, फर्जी दस्तावेज और एक लग्जरी कार जब्त की गई।

डीसीपी (मध्य) निधिन वलसन के अनुसार, मामला तब सामने आया जब एक महिला को फोन करके कहा गया कि उसका आधार कार्ड अपराधियों द्वारा इस्तेमाल हो रहा है। फोन करने वाले ने खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का अधिकारी बताया। दबाव में महिला ने अपने बैंक विवरण, डेबिट कार्ड की तस्वीरें और ओटीपी साझा कर दीं। इसके बाद आरोपी ने उसके खाते से 89,286 रुपये ट्रांसफर किए और उसके नाम पर 19,92,921 रुपये का पर्सनल लोन लिया।

पुलिस ने दिल्ली, हापुड़ और ग्रेटर नोएडा में छापेमारी कर तकनीकी निगरानी और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने फर्जी कंपनियां और बैंक खाते बनाकर लोगों को धोखा दिया। लोकेश गुप्ता ने खुलासा किया कि वह और अन्य आरोपी फर्जी कंपनियों के निदेशक थे और बैंक खातों के दस्तावेज़ साझा करते थे।

पुलिस ने कहा कि यह गिरोह व्यवस्थित रूप से लोगों को गुमराह करता था और डिजिटल गिरफ्तारी स्कैम में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान के लिए जांच जारी है। सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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