

नई दिल्ली: पेटीएम पेमेंट सर्विसेस को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी मिल गई है। पेटीएम की पैरेंट कंपनी और ब्रांड मालिक वन97 कम्यूनिकेशंस ने मंगलवार को एक फाइलिंग में यह जानकारी दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस फैसले के साथ ही पेटीएम पेमेंट सर्विसेस लिमिटेड पर नए मर्चेंट्स को ऑनबोर्ड करने पर लगी रोक भी हटा दी गई है, जो कंपनी पर 25 नवंबर 2022 से लागू थी।
वन97 कम्यूनिकेशंस लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट सर्विसेस लिमिटेड (पीपीएसएल) को भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ‘इन-प्रिंसिपल’ मंजूरी मिली है। केंद्रीय बैंक ने 12 अगस्त 2025 को पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट, 2007 के तहत ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की परमिशन दी है। कंपनी ने मार्च 2020 में यह परमिट हासिल करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) से जुड़ी कुछ अनुपालन समस्याओं के कारण मंजूरी पेंडिंग थी।
केंद्रीय बैंक की तरफ से यह मंजूरी ऐसे समय आई है जब चीनी कंपनी अलीबाबा ग्रुप ने वन97 कम्यूनिकेशंस से अपना पूरा हिस्सा बेचकर बाहर निकलने की घोषणा की है। इस कदम से पेटीएम को डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में अपनी सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी और कंपनी अब नए मर्चेंट्स को जोड़ सकती है।
हाल ही में कंपनी ने कहा कि पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का स्वामित्व अब पूरी तरह से भारतीयों के हाथ में है। उद्योगपति जैक मा की कंपनी एंट फाइनेंशियल ने डिजिटल भुगतान मंच पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में अपनी समूची 5.84 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 3,980 करोड़ रुपये में बेच दी है। सौदे की रूपरेखा से अवगत एक व्यक्ति ने कहा कि पेटीएम अब टाटा की तरह ही भारतीय है। यह परिवर्तन एंटफिन (नीदरलैंड) होल्डिंग बी वी के हाल ही में बाहर निकलने के साथ आधिकारिक हो गया, जिसने एक थोक सौदे के माध्यम से पेटीएम में अपनी शेष 5.84 प्रतिशत हिस्सेदारी लगभग 3,800 करोड़ रुपये में बेच दी।






















