आज 12 नवंबर, 2025 बुधवार, के दिन मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि है. इस तिथि पर भगवान शिव के एक स्वरूप काल भैरव का अधिकार है, जिन्हें समय का देवता भी कहा जाता है. यह तिथि किसी भी तरह के शुभ कार्यों, नई बातचीत और मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए अच्छी नहीं है. आज काल भैरव जयंती और कालाष्टमी है.

12 नवंबर का पंचांग

  • विक्रम संवत : 2081
  • मास : मार्गशीर्ष
  • पक्ष : कृष्ण पक्ष अष्टमी
  • दिन : बुधवार
  • तिथि : कृष्ण पक्ष अष्टमी
  • योग : शुक्ल
  • नक्षत्र : अश्लेषा
  • करण : बलव
  • चंद्र राशि : कर्क
  • सूर्य राशि : तुला
  • सूर्योदय : सुबह 06:50 बजे
  • सूर्यास्त : शाम 05:56 बजे
  • चंद्रोदय : सुबह 12.22 बजे
  • चंद्रास्त : शाम 01.09 बजे
  • राहुकाल : 12:23 से 13:46
  • यमगंड : 08:13 से 09:37

इस नक्षत्र में शुभ कार्य से करें परहेज
आज के दिन चंद्रमा कर्क राशि और अश्लेषा नक्षत्र में रहेंगे. कर्क राशि में अश्लेषा नक्षत्र का विस्तार 16:40 से 30 डिग्री तक है. इसके देवता सर्प और नक्षत्र स्वामी बुध हैं. इस नक्षत्र को अच्छा नक्षत्र नहीं माना जाता है. किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से इस नक्षत्र में बचना चाहिए. हालांकि युद्ध में सफलता की तैयारी, तांत्रिक कार्य, कारावास या अलगाव से जुड़े कार्य, विनाश के कार्य और वरिष्ठों के साथ गठबंधन तोड़ने संबंधी कार्य इस नक्षत्र में किए जा सकते हैं.

आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 12:23 से 13:46 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.

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