

तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बाइक सवारों को मारी टक्कर, आरोपी वाहन चालक फरार
बलरामपुर। बलरामपुर जिले के पास्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत डौरा चौकी के ग्राम कोदौरा मेन रोड पर बुधवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसे में सहायक उप निरीक्षक की पत्नी की मौत हो गई। तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बाइक सवारों को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी, जिससे महिला की मौके पर ही हालत गंभीर हो गई। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई, जबकि बाइक चालक को मामूली चोटें आई हैं।
डौरा चौकी प्रभारी विजय कुमार दुबे ने बताया कि रनहत चौकी में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक जहूर साय की पत्नी सोनामती कच्छप (40 वर्ष) बुधवार को अपने एक परिचित के साथ बाइक में सवार होकर डुमरखोला से प्रतापपुर जा रही थीं। दोपहर करीब 12 बजे ग्राम कोदौरा के पास पीछे से आ रही तेज रफ्तार काले रंग की स्कॉर्पियो(CG 30 H 5469) ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।
हादसे में सोनमती कच्छप को गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तत्काल प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं बाइक चला रहे व्यक्ति को मामूली चोटें आई हैं, जिनका इलाज जारी है।
घटना के बाद स्कॉर्पियो चालक वाहन सहित मौके से फरार हो गया। स्कॉर्पियो वाहन का नंबर प्लेट टूट कर सड़क पर ही गिर गया , वाहन नंबर के आधार पर पुलिस फरार वाहन चालक की तलाश में जुट गई है।
इस घटना के बाद पूरे परिवार और पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है।
सड़क की बदहाल स्थिति दे रही हादसों को न्योता, एनएच खराब होने से राहगीर कर रहे वैकल्पिक रास्ते का चयन
बलरामपुर जिले से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 343 आज अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रहा है। ।अंबिकापुर से पस्ता तक का सफर अब सड़क पर नहीं, गड्ढों और कीचड़ से भरी पगडंडी पर चलने जैसा हो गया है। वाहन चालक खुद यह कहते नजर आ रहे हैं कि अब सड़क में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ रही है।एनएच विभाग के द्वारा गुणवत्ता और दीर्घकालिक मरम्मत की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। इसका खामियाजा अब आमजनता भुगत रही है।गागर और गेउर नदी की दोनों पुलियों की हालत अत्यंत चिंताजनक है। ना सिर्फ इनके ऊपर गड्ढे गहरे हो चुके हैं, बल्कि रेलिंग टूट चुकी है जिससे यहां से गुजरना अब किसी जुए से कम नहीं। बारिश, धूल और अंधेरे में हादसे का खतरा और अधिक बढ़ गया है।
सड़क की बदतर स्थिति को देखते हुए राहगीर अब बलरामपुर पहुंचने के लिए प्रतापपुर–सेमरसोत मार्ग का उपयोग कर रहे हैं, जो अपेक्षाकृत बेहतर है। लेकिन इस वैकल्पिक मार्ग पर वाहनों की तेज रफ्तार अब दुर्घटनाओं की वजह बन रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगाने की मांग की है।क्षेत्रवासी और वाहन चालकों का कहना है कि यदि जल्द ही सड़क और पुलों की मरम्मत नहीं की गई, तो यह मार्ग पूरी तरह से अवरोधक बन जाएगा और हादसों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है।






















