

रायपुर: मंत्री केदार कश्यप के सख्त निर्देशों के बाद कांकेर जिले में तेंदुआ शिकार प्रकरण पर वन विभाग ने तेज और प्रभावी कार्रवाई की। नरहरपुर परिक्षेत्र के देवी नवांगांव के पास 4 दिसम्बर को एक नर तेंदुआ मृत अवस्था में मिला था। तेंदुए के चारों पैर कटे हुए पाए गए, जिससे अवैध शिकार और अंग तस्करी की आशंका की पुष्टि हुई। सूचना मिलते ही वन अमले ने मौके पर पहुंचकर कूंए से तेंदुए के शव को बाहर निकाला तथा पशु चिकित्सकों की टीम से पोस्टमार्टम कराकर आवश्यक पंचनामा तैयार कराया गया। घटना को गंभीर मानते हुए अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध वन अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई।
वन मंत्री श्री कश्यप के निर्देशों के अनुरूप वरिष्ठ अधिकारियों मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) श्री जगलदेव मंडावी तथा वन संरक्षक राजेश कुमार चंदेल के मार्गदर्शन में आरोपियों की सतत तलाश की गई। विभाग की विशेष टीम ने आज 6 दिसंबर को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। गिरफ्तार आरोपी में शखुदन पिता नारायण उम्र 51 वर्ष, श्रवण पिता महेंद्र उम्र 19 वर्ष, छबिलाल पिता बुदराम उम्र 35 वर्ष और बुदराम पिता अमरसिंह उम्र 71 वर्ष शामिल है। गिरफ्तार इन आरोपियों के पास से तेंदुए के कटे हुए चार पैर (नाखून सहित) बरामद किए गए। शिकार में उपयोग की गई कुल्हाड़ी, रस्सी, लकड़ी आदि सामग्री भी जब्त की गई। पूरे प्रकरण को वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। जांच में ग्राम कोटवार, पटेल और स्थानीय ग्रामीणों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। वन मंत्री केदार कश्यप ने टीम की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है और अवैध शिकार में संलिप्त व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।






















