नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही राजनीतिक तापमान चढ़ गया है। पहले दिन लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और कार्यवाही को बाधित किया। राहुल गांधी लोकसभा में बोलने की अनुमति न मिलने से खासे नाराज़ दिखे। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद उन्होंने संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए स्वीकर पर पक्षपात का आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने कहा, “मैं विपक्ष का नेता हूं। मेरा काम है मुद्दे उठाना और सवाल पूछना, लेकिन सरकार हमें बोलने नहीं दे रही है। रक्षा मंत्री और अन्य मंत्रियों को तो बोलने की अनुमति है, लेकिन विपक्ष को चुप कराया जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आए और फिर चले गए। राहुल ने तंज कसते हुए कहा, “अगर प्रधानमंत्री अनुमति दें, तो ही चर्चा संभव है? परंपरा कहती है कि अगर सत्ता पक्ष के नेताओं को बोलने दिया जाता है, तो विपक्ष को भी समान अवसर मिलना चाहिए।”

इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में विरोध जताया। यह ऑपरेशन हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अंजाम दिया गया था।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आश्वासन दिया कि प्रश्नकाल के बाद सभी मुद्दों को उठाने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल संसदीय प्रक्रिया का अहम हिस्सा है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

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