दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार केरल की दो ननों को आखिरकार राहत मिल गई है। NIA कोर्ट, बिलासपुर ने शनिवार को सुनवाई के बाद दोनों को ज़मानत दे दी, जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया। जेल से बाहर आते ही उनका स्वागत CPI सांसद पी. संदोष कुमार, केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर और अन्य नेताओं ने किया।

दरअसल, 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को तीन लड़कियों के साथ एक युवक और दो सिस्टर संदिग्ध अवस्था में घूमते दिखे। एक लड़की रो रही थी, जिसे युवक समझा रहा था कि वह इतनी दूर आ चुकी है, अब उसे साथ चलना होगा। इस पर संदेह होने पर कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप किया और स्टेशन पर हंगामा खड़ा हो गया।

इसके बाद जीआरपी ने तीनों लड़कियों, दो ननों और युवक को हिरासत में लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि सभी को आगरा ले जाया जा रहा था, जिस पर मानव तस्करी और धर्मांतरण की आशंका जताई गई।

NIA कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष ने अपना पक्ष रखा, और कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए ज़मानत मंजूर कर दी।

गौरतलब है कि मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है, जिसमें महिलाओं और बच्चों के मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जाती है। दोष सिद्ध होने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

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