रायपुर /  हाल ही में विभिन्न शहरों में बढ़ती “सोशल मीडिया रील” की प्रवृत्ति को देखते हुए हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया है कि सार्वजनिक सड़कों, हाईवे या ट्रैफिक के बीच रील्स बनाना न सिर्फ ट्रैफिक के लिए खतरनाक है बल्कि कानून का उल्लंघन भी है। वही हाईकोर्ट ने सड़को पर रील बनाने और बर्थडे सेलिब्रेशन, स्टंटबाजी जैसे वायरल वीडियो पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि,सड़कें किसी की प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं हैं। वही हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव के शपथपत्र पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बताइए कि इन घटनाओं पर किस तरह की जांच की गई और जांच में क्या सामने आया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में हल्की कार्रवाई से कानून व्यवस्था पर गलत असर पड़ता है और यह समाज के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

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