पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार को मिल रहे सहयोग का उल्लेख करते हुए गुरूवार को केंद्र सरकार की खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने राज्य विधानसभा के सदस्यों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए हाथ उठाएं। उन्होंने राज्यपाल द्वारा दोनों सदनों के संयुक्त अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान यह बात कही। 

लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बना चुके नीतीश कुमार ने अपने “पिछले 20 वर्ष” के शासनकाल में राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने 20 मिनट के भाषण के अंत में उन्होंने कहा, “राज्य के विकास के लिए हमें केंद्र सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है। जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में केंद्र ने सड़कों, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन और बाढ़ नियंत्रण को लेकर विशेष वित्तीय सहायता दी।” उन्होंने कहा, “इसके बाद फरवरी 2025 में पेश किए गए बजट में मखाना बोर्ड स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया, साथ ही हवाई अड्डे बनाने और पश्चिम कोसी नहर परियोजना के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की गई। इसी साल बिहार को खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी का अवसर भी मिला।” मुख्यमंत्री ने कहा, “इन सभी चीजों के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाम करता हूं। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे हाथ उठाकर ऐसा करें।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कई बार बिहार आए हैं और कई परियोजनाओं की शुरुआत की है। 

 सीएम नीतीश कुमार ने कहा, “अब राज्य के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। सभी क्षेत्रों में काम और तेजी से आगे बढ़ेगा।” अपनी सीट पर बैठने से पहले उन्होंने विपक्ष के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने के लिए हाथ नहीं उठाए। उन्होंने कहा, “आप लोग ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? दो-तीन बार मैं आप लोगों के साथ हो गया था। लेकिन जब आपने शरारतें शुरू कर दीं, तो मैं अलग हो गया। अब मैं (NDA) छोड़ने वाला नहीं हूं।” यह सुनकर सदन में जोरदार ठहाके गूंज उठे। साल 1990 के दशक से भाजपा के सहयोगी रहे कुमार ने पिछले दस वर्ष में राजद–कांग्रेस गठबंधन के साथ दो बार सरकार बनाई, लेकिन दोनों बार सरकार ज्यादा समय तक नहीं चलीं। बाद में, उन्होंने विधान परिषद में भी सदस्यों से यही अपील की। कुमार विधान परिषद के सदस्य हैं। वहीं दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्ष ने नाराजगी जताई कि सभापति ने उन्हें धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति नहीं दी।  

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