

जगदलपुर/नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों को विस्फोटक सामग्री सप्लाई करने के एक मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इनमें एक गिरफ्तार आरोपी और चार फरार आरोपी शामिल हैं।
सप्लीमेंट्री चार्जशीट में गिरफ्तार आरोपी मनीष सोढ़ी उर्फ हुर्रा के अलावा फरार आरोपियों सोढ़ी केसा, मनीला, मड़कम केसा और सोढ़ी लखमा के नाम शामिल किए गए हैं। सभी आरोपी सुकमा जिले के निवासी हैं। एनआईए ने इन पर भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
यह मामला मूल रूप से छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, जब 25 सितंबर 2024 को दो आरोपियों मंतोष मंडल और एस नागार्जुन की गिरफ्तारी के बाद टिफिन बम, डेटोनेटर, पोटैशियम नाइट्रेट, एल्यूमीनियम पाउडर सहित अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। जांच में इन सामग्रियों का उपयोग प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर-1 और जगरगुंडा क्षेत्र में सक्रिय कैडरों द्वारा आईईडी बनाने के लिए करने की योजना सामने आई थी।
एनआईए ने दिसंबर 2024 में मामला अपने हाथ में लिया था। जांच में यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय पाया गया, जो नक्सलियों तक विस्फोटक पहुंचाने में लगा था। एजेंसी अब पूरी सप्लाई चेन की कड़ियों को जोड़ रही है और मामले में आगे खुलासों की संभावना है।






















