रायपुर: एनआईए (NIA) ने छत्तीसगढ़ में भारतीय सैन्यकर्मियों की हत्या में माओवादी आशु कोरसा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सेना के जवान मोतीराम अचला की टारगेट किलिंग के संबंध में कार्रवाई की है. एजेंसी ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के निवासी आरोपी आशु कोरसा पर आईपीसी की कई धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इसमें हत्या, आपराधिक साजिश, और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराएं शामिल हैं.

NIA ने क्या कहा, जानिए पूरा मामला?

जगदलपुर स्थित एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. एनआईए के अनुसार, जांच से पता चला कि कोरसा, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) की ओर से अचला को खत्म करने के लिए रची गई एक बड़ी साजिश का हिस्सा था.

हमले के समय सैन्यकर्मी पैतृक गांव गए थे. 25 फरवरी, 2024 को अपने परिवार के साथ कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में स्थित उसेली गांव में एक स्थानीय मेले में भाग लेने गए अचला की सशस्त्र माओवादी कैडरों ने सार्वजनिक रूप से गोली मारकर हत्या कर दी थी.

एनआईए के मुताबिक, यह मामला शुरू में स्थानीय पुलिस ने दर्ज किया था, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े निहितार्थों के कारण इसे 29 फरवरी, 2024 को एनआईए को सौंप दिया गया. अपनी जांच के दौरान, एजेंसी ने पाया कि आशु कोरसा सीपीआई (माओवादी) के उत्तर बस्तर डिवीजन के अंतर्गत कुयेमारी एरिया कमेटी का एक सक्रिय सशस्त्र कैडर था.

जांच में यह भी पता चला कि कोरसा ने एक अन्य वरिष्ठ माओवादी नेता के साथ मिलकर अचला की पहचान की थी तथा स्थानीय लोगों को आतंकित करने और सुरक्षा बलों से किसी भी तरह का संबंध रखने वाले व्यक्तियों को डराने के लिए सुनियोजित कदम के रूप में उसकी हत्या की योजना बनाई थी.एनआईए ने पिछले साल दिसंबर में इस साजिश के सिलसिले में कोरसा को गिरफ्तार किया था और कहा था कि अन्य साजिशकर्ताओं की पहचान करने और ऑपरेशन में शामिल माओवादी नेटवर्क की पूरी तस्वीर बनाने के लिए आगे की जांच चल रही है.

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