

सूरजपुर: प्रदेश NHM कर्मचारी संघ की नियमितीकरण, ग्रेड पे और लंबित 27% वेतन वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त 2025 से प्रदेश के सभी 33 जिलों में अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी है।सरकार द्वारा बार-बार दिए जा रहे भ्रामक बयानों के विरोध में आज 29 अगस्त को रायपुर व दुर्ग संभाग के सभी जिलों के साथ-साथ बिलासपुर संभाग के मुंगेली जिले के कर्मचारियों ने तुता, रायपुर में विशाल रैली निकालकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और सरकार को दोहराया:
“20 वर्षों से लंबित मांगों को शीघ्र पूरा कर हमें हमारा हक दिया जाए
अन्य संभागों बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर (मुंगेली को छोड़कर) में भी आंदोलन जारी रहा। सूरजपुर जिले में कर्मचारियों ने तिरंगा रैली निकाली और पीपीई किट पहनकर भीख मांगने का प्रदर्शन किया, जिसे स्थानीय नागरिकों का भरपूर समर्थन मिला।
जिलाध्यक्ष बृजलाल पटेल और प्रवक्ता तोपान सिंह दायमा ने कहा:
“हम पिछले 20 साल से शोषित और वंचित हैं। अल्प वेतन में सेवा दे रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी समस्याओं की अनदेखी कर रही है। पिछले 20 महीनों में 160 से अधिक बार ज्ञापन और आवेदन देने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।”
कर्मचारियों ने भीख में मिले धन को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने की घोषणा की, ताकि पूर्व सरकार द्वारा घोषित 27% वेतन वृद्धि का भुगतान हो सके।
घोषित वेतन वृद्धि विवाद:
19 जुलाई 2023 को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री ने 54 विभागों के 37,000 संविदा कर्मचारियों के लिए 27% वेतन वृद्धि की घोषणा कर बजट स्वीकृत किया था।
अन्य विभागों में यह लागू किया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के 16,000 कर्मचारी अब भी वंचित हैं।कर्मचारियों का कहना है कि 2019 से 2022 तक 22% भुगतान का दावा भ्रामक है, क्योंकि यह राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर दी जाने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि है, न कि राज्य सरकार की घोषणा का हिस्सा।
संघ की चेतावनी:
एनएचएम कर्मचारी संघ ने कहा:
“हम सिर्फ आश्वासन नहीं, लिखित आदेश चाहते हैं। यदि सरकार ने शीघ्र संवाद स्थापित कर समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।”






















