कानपुर : फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ शाहीन के कारनामे से उसके पूर्व पति डॉ जफर हयात भी सदमे में हैं। कानपुर के एक सरकारी अस्पताल में बतौर नेत्र रोग विशेषज्ञ काम कर रहे डॉ जफर कहते हैं कि हमारी शादी सिर्फ 10 साल ही चली। 2003 में शादी होने के बाद 2012 के लास्ट में तलाक हो गया। तलाक की ठोस वजह के बारे में डॉक्टर जफर को आज तक खुद कुछ नहीं मालूम है। वह कहते हैं कि मुझे इसका जवाब आज तक नहीं पता चला। दोनों के दो बेटे हैं जो कि डॉक्टर जफर के पास ही हैं। तलाक के बाद कभी शाहीन ने डॉ जफर से संपर्क भी नहीं किया। वह बताते हैं कि शाहीन को बुर्का पहनना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। वह रिश्तेदार और दोस्त परिवार से भी ज्यादा तालुकात नहीं रखती थी। हालांकि वह अपने परिवार की देखभाल बेहतर पत्नी और मां की तरह करती थी। हालांकि इसका ज्यादातर वक्त लैपटॉप के साथ ही बीतता था। तलाक के बाद एक बार भी उसने बच्चों से संपर्क तक नहीं किया।
 
डॉ. शाहीन कभी कानपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाती थी। इसे लेकर मंगलवार को एटीएस की एक टीम जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। टीम ने शाहीन के बारे में मेडिकल कालेज प्रबंधन से जानकारी जुटाई। एटीएस ने शाहीन के दस्तावेजों के बारे में पूछा इसके साथ ही मेडिकल कालेज में रहने के दौरान उसकी गतिविधियों और दोस्तों के बारे में भी जानकारी जुटाई।

सूत्र बताते हैं कि एटीएस को इसमें कुछ खास जानकारी हासिल नहीं हो सकी। ऐसे में संभावना जतायी जा रही है कि एक दो दिनों में एनआईए की टीम भी कानपुर आ सकती है। कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने बताया कि एटीएस के अधिकारी शाहीन से जुड़ी जानकारियों के सिलसिले में आए थे। उन्होंने बताया कि कमिश्नरेट पुलिस जांच एजेंसियों के संपर्क में है। सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों से जुड़ी हर जानकारी जांच एजेंसियों से साझा की जा रही है।

जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन
जांच एजेंसियों का दावा है कि डॉ. शाहीन प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला इकाई जमात-उल-मोमिनात का हिस्सा है। उसके जिम्मे भारत में आतंकी संगठन की महिला विंग बनाने का काम था। वह कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग में सात साल तक प्रोफेसर रही।

बताया जा रहा है कि डॉ.शाहीन पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के संपर्क में थी। डॉ. शाहीन ने उसने डॉ.जफर हयात से शादी की थी मगर 2012 में तलाक हो गया। इसके बाद डॉ. शाहीन ने फरीदाबाद की अल फलाह विवि में काम शुरू किया। पिता सईद अहमद अंसारी ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि शाहीन ऐसे काम में लिप्त है तो पैरों तले जमीन खिसक गई। पिता की शाहीन से एक महीने पहले बात हुई थी। पिता ने कभी डॉ. मुज्जमिल का नाम भी नहीं सुना था। खुफिया के अनुसार जैश अब आईएसआई की रणनीति के तहत महिलाओं को भी आतंकी संगठन में शामिल कर रहा है। जैश के सरगना मसूद अजहर के नाम से जारी पत्र के जरिए जमात-उल-मोमिनात की घोषणा की गई थी। इसका प्रमुख सादिया अजहर को बनाया गया था।

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