रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार चिकित्सा शिक्षा को सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम लागू कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में मेडिकल स्नातक पाठ्यक्रमों (एमबीबीएस, बीडीएस, बीपीटी) के लिए प्रवेश वर्ष 2025 से काउंसलिंग प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो छात्र हित में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

नए नियमों के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन और एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्ग (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों पर छत्तीसगढ़ के मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, पूर्व निर्धारित दो वर्षों की बॉन्ड सेवा अवधि को घटाकर न्यूनतम एक वर्ष कर दिया गया है, जिससे छात्रों की कम होगी।

काउंसलिंग प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन होगी, जिससे सीट आवंटन और प्रवेश में पारदर्शिता बढ़ेगी और छात्रों को अधिक सुविधा मिलेगी। ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र संबंधी नियमों को भी सरल बनाया गया है ताकि अभ्यर्थियों को कम कठिनाइयों का सामना करना पड़े।

साथ ही, यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें रिक्त रहती हैं, तो वे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को आवंटित की जाएंगी। प्रत्येक काउंसलिंग चरण में पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग की प्रक्रिया 30 जुलाई 2025 से शुरू करने की घोषणा की है। यह बदलाव राज्य के चिकित्सा छात्रों के लिए बेहतर अवसर और सुगम प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।

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