
अंबिकापुर : सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र के ग्राम मिर्गाडांड में एम्बुलेंस सेवा की लापरवाही के कारण एक नवजात की जान चली गई। घटना सीएचसी उदयपुर के पास हुई।जहां गर्भवती महिला ने घर पर ही स्वस्थ शिशु को जन्म दिया, लेकिन प्रसव के बाद नवजात को सांस लेने में समस्या होने पर उसे अस्पताल लाया गया। डॉक्टर ने उसे गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल रेफर किया, लेकिन चार घंटे तक 108 एम्बुलेंस नहीं पहुंची।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में नवजात को नाल काटने के बाद कुछ समय तक स्थिति सामान्य रही, लेकिन फिर उसकी सांसें रुकने लगी। दोपहर 3 बजे डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर किया, लेकिन 108 एम्बुलेंस सेवा ने कोई समाधान नहीं दिया। परिजन लगातार एम्बुलेंस से संपर्क करते रहे, लेकिन 6 बजे तक कोई मदद नहीं मिली। अंततः शाम 6 बजे नवजात की मौत हो गई। इस घटना ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की असंवेदनशीलता को उजागर किया है, जहां परिजनों को चार घंटे तक एम्बुलेंस का इंतजार करना पड़ा। रात 8 बजे एम्बुलेंस कर्मियों का कॉल आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सीएचसी उदयपुर के बीएमओ डॉ. योगेंद्र पैकरा ने मामले की जांच का आश्वासन दिया और कहा कि लापरवाही कहां हुई, इसकी समीक्षा की जाएगी। मितानिन मानकुंवर ने भी इस घटना को लेकर एम्बुलेंस सेवा की देरी को नवजात की मौत का मुख्य कारण बताया है।
परिजनों का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक नवजात की मौत नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की मौत भी है, जिसने समय पर मदद न देकर एक परिवार को अपार दुख दिया।