रायपुर। नवरात्रि और गरबा उत्सव को लेकर रायपुर जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिला प्रशासन ने दुर्गोत्सव समितियों के साथ हुई बैठक में स्पष्ट किया कि इस बार उत्सव के दौरान डीजे का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। सभी आयोजकों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) का उपयोग केवल धीमी आवाज में करने की अनुमति होगी।

बैठक में तय किया गया कि पंडाल सड़क किनारे निर्धारित स्थान पर ही बनाए जाएंगे और उनमें सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आग बुझाने के उपकरण भी हर पंडाल में उपलब्ध रहेंगे। प्रशासन ने यह भी साफ किया कि किसी भी पंडाल या प्रदर्शनी में ऐसी प्रतिमा या सजावट नहीं होगी, जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो।

दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था पूर्व की भांति महादेव घाट पर ही होगी। विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र के प्रयोग पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा सभी समितियों को स्वयंसेवक नियुक्त कर यातायात और व्यवस्था में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

आयोजन के लिए नगर निगम से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। आयोजकों को कम से कम सात दिन पहले आवेदन करना होगा और बिजली विभाग, अग्निशमन विभाग तथा थाना प्रभारी से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। साथ ही, गरबा आयोजकों को गानों का चयन करते समय यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे।

प्रशासन ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की तिथि 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक निर्धारित की है। बैठक में एडीएम उमाशंकर बंदे, एएसपी दौलत राम पोर्ते, एएसपी डॉ. प्रशांत शुक्ला, एसडीएम नंदकुमार चौबे, सीएसपी इशू अग्रवाल समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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