अंबिकापुर: होली क्रास वीमेन्स कॉलेज अंबिकापुर में आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ एवं वाणिज्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 12 एवं 13 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय “Emerging Trends in Trade, Commerce & Industries” रहा, जिसमें देशभर से विद्वानों, शोधकर्ताओं एवं शिक्षाविदों ने सहभागिता की।

संगोष्ठी के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सिस्टर शांता जोसेफ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. विनोद गर्ग ने विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में व्यापार एवं उद्योगों में हो रहे बदलावों की आवश्यकता को रेखांकित किया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. रिजवान उल्लाह, क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा ने व्यापार एवं वाणिज्य को जीवन विज्ञान से जोड़ते हुए इसकी व्यावहारिक उपयोगिता पर विचार साझा किए। वहीं मुख्य अतिथि प्रो. राजेंद्र लाकपाल, कुलपति संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा, अंबिकापुर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका को मजबूत करने में व्यापार एवं उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।

नोट स्पीकर डॉ. शोभित कुमार वाजपेयी, प्राचार्य शासकीय जे.पी.एम. कॉलेज मुंगेली ने व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योगों के ऐतिहासिक विकास, वर्तमान परिवर्तनों एवं भविष्य की संभावनाओं पर विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया।संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र में आयोजन सचिव डॉ. सिस्टर मंजू टोप्पो ने बताया कि संगोष्ठी में कुल 173 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया, जबकि 44 शोधकर्ताओं द्वारा शोध पत्रों का वाचन  किया गया।

विशिष्ट अतिथि आशीर्वाद बनर्जी, ब्रांच मैनेजर, बैंक ऑफ बड़ौदा ने व्यापार एवं उद्योगों में आने वाली चुनौतियों से निपटने के उपायों पर प्रकाश डाला। वहीं प्रो. अनिल कुमार सिन्हा, प्राचार्य शासकीय राजीव गांधी महाविद्यालय ने युवाओं से नवाचारों पर कार्य कर देश को सशक्त बनाने की अपील की। इस मुख्य अतिथि डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी, कुलसचिव संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने शोध को सामान्य जीवन से जोड़ते हुए इसके सामाजिक एवं व्यावहारिक प्रभावों को उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया। दोनों दिवसों के अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन सोनल सिन्हा एवं रागिनी ब्रिजीत लकड़ा, सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य) द्वारा किया गया। संगोष्ठी में देश-प्रदेश से आए विद्वानों, शोधकर्ताओं, महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ तथा छात्राओं की सक्रिय सहभागिता रही।

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