रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजना ने वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने की दिशा में महत्वपूर्ण रोल अदा कर रही है। वर्ष 2013-14 में प्रारंभ की गई छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के 10वीं और 12वीं कक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

इस योजना की परिकल्पना के समय यह अनुमान था कि लगभग 100-100 मेधावी छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित होंगे, लेकिन बीते वर्षों में योजना की व्यापकता और प्रभाव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-2020 से अब तक कुल 38,114 छात्र-छात्राओं को इस योजना के माध्यम से 41.79 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि ऑनलाइन माध्यम से वितरित की गई है।

छात्रवृत्ति योजना में कुल चार प्रमुख घटक शामिल हैं जिसके तहत मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति, प्रतिभाशाली बच्चों हेतु शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति, व्यावसायिक कोर्स हेतु छात्रवृत्ति तथा गैर-व्यावसायिक स्नातक कोर्स हेतु छात्रवृत्ति शामिल है। इन सभी श्रेणियों के अंतर्गत 2,500 से 25,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति राशि प्रदान की जाती है, जिससे छात्रों को अपनी पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने में आर्थिक संबल मिलता है।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित यह योजना न केवल आर्थिक रूप से पिछड़े वनवासी क्षेत्रों के छात्रों को शिक्षा से जोड़ने में मदद कर रही है, बल्कि उनके भविष्य को भी सशक्त बना रही है। यह पहल राज्य सरकार के शिक्षित और सशक्त छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक सशक्त कदम है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास आने वाले वर्षों में और भी व्यापक स्तर पर जारी रहेगा, ताकि हर पात्र और प्रतिभावान छात्र तक इसका लाभ पहुंच सके।

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