रायपुर। छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों की जारी हड़ताल का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। राज्य की सभी तहसीलों और राजस्व न्यायालयों में कामकाज लगभग ठप हो गया है। नतीजतन, 20 हजार से ज्यादा फाइलें पेंडिंग हो चुकी हैं और उन पर किसी भी तरह का निर्णय नहीं हो पा रहा है।

इस हड़ताल का सबसे बड़ा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। चालू शैक्षणिक सत्र के चलते छात्रों को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, लेकिन तहसीलों में दस्तावेजों पर तहसीलदारों के हस्ताक्षर नहीं हो पा रहे हैं। कई मामलों में दस्तावेज तय समय सीमा में जमा करना जरूरी होता है, लेकिन हड़ताल के कारण छात्र इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

Tehsildar Strike Chhattisgarh की वजह से राजस्व अदालतों में भी सुनवाई ठप पड़ी है। हालांकि रजिस्ट्री कार्य पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है, लेकिन जमीन से जुड़े कई अन्य प्रकरण ठंडे बस्ते में चले गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा लंबित आवेदन आय और जाति प्रमाण पत्र के हैं। इसके अलावा मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर भी बड़ी संख्या में आवेदन अटके हुए हैं। स्कूल और कॉलेजों में दाखिले के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ न मिलने से छात्रों और अभिभावकों की चिंता लगातार बढ़ रही है।

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