रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र  आज 14 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। कांग्रेस उर्वरकों की कमी और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को घेरने की योजना बना रही है। भाजपा और कांग्रेस ने अपनी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए अपने विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘छत्तीसगढ़ की छठी विधानसभा के छठे सत्र में पांच बैठकें होंगी। इसका समापन 18 जुलाई को होगा। सत्र के दौरान वित्तीय और सरकारी मामलों से संबंधित कार्य किए जाएंगे।’’

कानून व्यवस्था और बिजली की बढ़ती कीमतों पर कांग्रेस का जोर

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि विपक्ष के नेता चरणदास महंत की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पार्टी ने ‘‘बिगड़ती’’ कानून व्यवस्था, बिजली दरों में बढ़ोतरी, उर्वरकों की कमी और युक्तिकरण प्रक्रिया सहित विभिन्न मुद्दों को उठाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संवाददाताओं को बताया कि सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की “मामूली” कमी है और कहा कि यह अकेला राज्य नहीं है जो इस समस्या से जूझ रहा है।

डीएपी की जगह एनपीके को बढ़ावा दे रही सरकार
सीएम साय ने कहा, ‘‘यहां डीएपी की खपत इसके उत्पादन से ज्यादा है। हमारा कृषि विभाग एनपीके को एक विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि डीएपी की कोई कमी न हो।’’ नब्बे सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 54, कांग्रेस के 35 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का एक विधायक है।

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