MP News: मध्य प्रदेश के रतलाम में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री विजय शाह का एक बयान सामने आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। बैठक में महिला एवं बाल विकास अधिकारी से लाडली बहना योजना से जुड़े आंकड़े पूछे जाने के बाद मंत्री ने कहा कि जो लाडली बहनें मुख्यमंत्री का सम्मान नहीं करेंगी, उनकी जांच कराई जाएगी। यही टिप्पणी अब विवाद की वजह बन गई है।

बैठक में जब बताया गया कि जिले में करीब ढाई लाख लाडली बहनें हैं, तो मंत्री विजय शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री के सम्मान कार्यक्रम में कम से कम 50 हजार बहनों की मौजूदगी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब बहनों के जीवन में खुशहाली ला रही है, इसलिए दो साल में एक बार धन्यवाद कहना कोई बड़ी बात नहीं है। मंत्री ने यह भी जोड़ा कि सरकार बहनों को परेशान नहीं करना चाहती, लेकिन सम्मानजनक तरीके से मुख्यमंत्री का सम्मान होना चाहिए।

मंत्री ने आगे कहा कि जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि किसी का आधार लिंक है या नहीं और जरूरत पड़ने पर जांच को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, ताकि सभी कार्यक्रम में शामिल हो सकें। इस बयान को लेकर विपक्ष ने सरकार पर दबाव और धमकी की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

बैठक में दिखा मंत्री का सख्त रवैया
इसी बैठक में मंत्री विजय शाह का एक और व्यवहार चर्चा में रहा। ऊर्जा विकास विभाग के कार्यपालन यंत्री की जगह मैकेनिक के आने पर नाराज मंत्री ने चुटकी बजाकर मैकेनिक को बैठक से बाहर जाने का इशारा किया, जिससे माहौल और गरमा गया।

पहले भी विवादों में रहे मंत्री
यह पहला मौका नहीं है जब विजय शाह विवादों में आए हों। इससे पहले कर्नल सोफिया को लेकर दिए गए बयान पर भी उनकी कड़ी आलोचना हुई थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।

कांग्रेस का हमला, इस्तीफे की मांग
कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर कड़ा विरोध जताते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि लाडली बहनों को जांच की धमकी देना करोड़ों महिलाओं का अपमान है और ऐसे मंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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