

बलरामपुर/राजपुर: डी.ए.वी. विद्यालयों के क्षेत्रीय अधिकारी प्रशांत कुमार के मार्गदर्शन से डी.ए.वी. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, पतरातु में ‘रन फॉर डी.ए.वी.’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग़ौरतलब है कि, डीएवी सी.एम.सी. एवं डी.ए.वी. नेशनल स्पोर्ट्स के द्वारा आयोजित कार्यक्रम “रन फॉर डीएवी” के तहत डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, पतरातु के बच्चों ने 2 किलोमीटर की दौड़ में शामिल होकर स्वास्थ, सेवा, ज़िम्मेदारी, एकता और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना का संदेश दिया ।
इस दौड़ डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल (पतरातु) से शुरू होकर अटल चौक तक रही। दौड़ में डीएवी विद्यालय के कक्षा 6वीं से कक्षा 12वीं तक के बच्चों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। बतौर मुख्य अतिथि पधारे जनपद अध्यक्ष राजपुर विनय भगत ,जिला उपाध्यक्ष भाजपा,बलरामपुर शशिकला भगत ,ए.एस.आई राजेश पांडेय,सरपंच जयंती सरकार,स्वास्थ कार्यकर्ता कुंती नेताम इत्यादि के साथ-साथ गणमान्य नागरिकों, खिलाड़ियों और विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा बच्चों का हौसला-अफ़ज़ाई किया गया।जहाँ बालक वर्ग से रूपेश कुमार गुप्ता,नीरज कुमार और शौर्य रवि ने क्रमशः प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल किया।वहीं बालिका वर्ग से रूपा यादव,पूर्णिमा और रूपाली ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल किया ।
इस मुख्य अतिथियों में से जहाँ विनय भगत ने अपने उद्बोधन में डीएवी विद्यालय की नित नई व प्रेरणादायी गतिविधियों की सराहना किया । तो वहीं पर श्रीमती शशिकला भगत जी ने बच्चों को राष्ट्र के प्रति प्रेम रखने का संदेश दिया। ए.एस.आई. राजेश पाण्डेय ने शारीरिक स्वास्थ के प्रति बच्चों को जागरूक किया। विद्यालय के प्राचार्य आशुतोष झा ने बताया कि इस दौड़ का मुख्य उद्देश्य लोगों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदानों, उनका समर्पण, सेवा और बलिदान के महत्त्व के प्रति जागरूक करना है तथा स्वच्छ और स्वस्थ भारत जैसे महत्वकांक्षी अभियानों के प्रति जागरूकता लानी है ।
मालूम हो कि महात्मा गाँधी की जयंती के उपलक्ष्य में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए तथा स्वास्थ्य, एकता और सेवा के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए हर साल अक्टूबर माह में ‘रन फॉर डीएवी’ कार्यक्रम का आयोजन होता रहा है । डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल लगातार अपने बेहतर प्रदर्शन से शिक्षा के उच्च मापदंडों को कायम करने में न सिर्फ सफलता हासिल किया है, बल्कि अपनी शैक्षिक गुणवत्ता से मिल का पत्थर भी साबित हुआ है ।






















