छत्तीसगढ़ में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। राज्य में लगातार हो रहे आत्मसमर्पणों की श्रृंखला जारी है। हाल ही में जहां 210 नक्सलियों ने सामूहिक सरेंडर किया था, वहीं अब बर्रेबेड़ा के जंगल से निकलकर 21 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन नक्सलियों के पास से 18 हथियार भी बरामद हुए हैं। बुधवार को ये सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मुख्यधारा में शामिल होंगे।

इन 21 नक्सलियों में 13 महिला और 8 पुरुष कैडर शामिल हैं। इनमें 4 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 9 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 8 पार्टी सदस्य हैं। सभी ने हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति, विकास और समाज की प्रगति में योगदान देने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि आत्मसमर्पण करने वालों को शासन की “लोन वर्राटू” नीति के तहत पुनर्वास और सहायता दी जाएगी।

इससे पहले 17 अक्टूबर को बस्तर पुलिस लाइन ग्राउंड में ऐतिहासिक पल देखने को मिला था, जब 210 नक्सलियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने नक्सलियों का स्वागत करते हुए उन्हें संविधान की पुस्तक भेंट की थी। उस दौरान वरिष्ठ माओवादी नेताओं समेत कई केंद्रीय और क्षेत्रीय समिति सदस्यों ने भी आत्मसमर्पण किया था, और 153 हथियार, जिनमें AK-47, SLR, INSAS राइफलें और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल थे, पुलिस को सौंपे गए थे।

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