
सूरजपुर: कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के मार्गदर्शन में संयुक्त टीम लगातार बाल विवाह रुकवा रही है। वर्तमान प्रकरण में ग्रामीणों द्वारा सूचना दी गई कि एक 17 वर्षीय नाबालिग बालिका का विवाह रिस्तेदारो द्वारा उसके गांव से अन्यत्र उसकी बुआ के यहां ले जाकर विवाह कराया जा रहा है। जिसका सत्यापन आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक से कराने पर शिकायत की पुष्टि होने पर जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी गई, जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम जिला बाल संरक्षण इकाई, चाईल्ड लाईन, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस बालिका के बुआ के घर पहुची।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बालिका के साथ उनके परिजनों को समझाईस दिया गया और बताया गया कि इतनी छोटी बच्ची का विवाह नहीं होना चाहिए बच्ची कक्षा 8 वीं तक की पढाई की है। उसे अभी स्कूल में पढ़ाई कराया जाना चाहिए और 18 वर्ष की हो तभी विवाह किया जाये। बाल विवाह के दुष्परिणामो एवं कानुनो केे बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। समक्षाईस पश्चात मौके पर यह बाल विवाह न करने हेतु बालिका का कथन, पंचनामा, बुआ, फूफा का कथन तैयार किया गया। बाल विवाह हो जाने की शंका पर बालिका को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत करने हेतु पंचनामा बनाकर रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के निर्देश पर सखी वन स्टाप सेंटर सूरजपुर में संरक्षित किया गया।
जांच के द्वौरान बालिका कि बुआ द्वारा यह बताया गया कि इसी मंडप में अपने बेटे का विवाह कर रहे है बालक के दस्तावेज की भी जांच की गई बालक की उम्र अभी 18 वर्ष पूर्ण नहीं हुआ है। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बालक को एक 26 वर्षीय महिला द्वारा 2019 से बहला फुसलाकर प्रेम संबंध स्थापित कर विवाह कर अपने साथ रख कर लैगिक शोषण किया गया है। जिससे महिला गर्भवती हो गई एवं एक बालक को जन्म दी है। परिवार वालो द्वारा बालक एवं महिला का घर मे पुनः विवाह कराया जा रहा है। बालक की उम्र अभी विवाह योग्य नहीं हुई है। उक्त प्रकरण में गीता लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की दोषी प्रतित होती है। जिस हेतु पंचनामा, गीता का कथन, बालक का कथन लिया गया। प्रकरण कार्यवाही हेतु लैगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम 2006 के तहत जांच कर अपराध कायम करने हेतु थाना प्रभारी भटगांव को पत्र जारी किया गया है।