अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट को पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर उभारने की दिशा में एक ठोस पहल करते हुए मैनपाट होटल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय को एक विस्तृत पर्यटन विकास प्रस्ताव पत्र सौंपा। जिसमें  प्रस्तुत सभी प्रस्तावों और सुझावों की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि मैनपाट को एक संतुलित, रोजगारोन्मुखी एवं प्रकृति-सम्मत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव की सराहना करते हुए मैनपाट को पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत संभावनाशील क्षेत्र बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य, ठंडे मौसम और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जिसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को प्राथमिकता दी गई है। मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे योजना को प्रोत्साहित कर स्थानीय नागरिकों को पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।
होटल एसोसिएशन ने अपने प्रस्ताव में मैनपाट को “मिनी तिब्बत” और “छत्तीसगढ़ का शिमला” बताते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। इनमें विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SADA) का गठन, मॉल रोड, फ्लावर पार्क, हाउस बोट, ग्लास ब्रिज, सस्पेंशन ब्रिज, टॉय ट्रेन, रोपवे और एडवेंचर स्पोर्ट्स पार्क जैसे पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण की मांग शामिल है।इसके साथ ही दलदली (लेविटेटिंग लैंड), उल्टा पानी, तिब्बती मठ, पाइन फॉरेस्ट और झरनों को पर्यटन दृष्टि से विकसित करने का आग्रह किया गया। जंगल सफारी, ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने की भी बात कही गई।
प्रस्ताव में रोड नेटवर्क, ड्रेनेज सिस्टम, व्यू पॉइंट्स में रेलिंग व टेलीस्कोप, स्ट्रीट लाइटिंग, और पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं की आवश्यकता पर बल दिया गया। एसोसिएशन ने मैनपाट में पर्यटन व होटल प्रबंधन संस्थान, सांस्कृतिक केंद्र, खेल स्टेडियम और स्थानीय युवाओं के लिए प्रशिक्षण व रोजगार केंद्र की स्थापना की भी मांग रखी।पाइन फॉरेस्ट में बढ़ रही अवैध कटाई और आगजनी की घटनाओं को लेकर एसोसिएशन ने चिंता जताई और जंगलों की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात करने व ट्रेकिंग पथों को संरक्षित करने की बात कही। वहीं, क्षेत्र में हो रही लगातार बिजली कटौती से पर्यटकों व स्थानीय नागरिकों को हो रही असुविधा की ओर भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया और स्थायी समाधान की मांग की गई।

होटल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री श्री साय का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हाल ही में आयोजित सांसद-विधायक प्रशिक्षण सत्र के जरिए मैनपाट को राज्य के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान आकर्षित हुआ है। मैनपाट आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश का एक प्रमुख प्रकृति आधारित पर्यटन स्थल बनकर उभरेगा।

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