बलरामपुर: डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल  पतरातु में शनिवार को आर्य समाज के पुरोधा महात्मा हंसराज की जयंती मनाई गई।विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक तथा छात्र प्रतिनिधियों ने हंसराज  के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। कक्षा 11वीं की छात्राओं द्वारा हंसराज जके जीवन पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।जिनमें शारदा पैकरा, ज्योति यादव, अनुष्का सिंह और सिमरन बेक की प्रमुख रूप से हिस्सेदारी रही ।

ग़ौरतलब है कि महात्मा हंसराज लगभग 21 बरस की आयु में ही आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती के सत्संग व उनके आदर्श विचारों से इतना प्रभावित हुए कि समाज सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया । भेदभाव को पीछे छोड़ते हुए समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए काम ही नहीं किया बल्कि शिक्षा और दर्शन के क्षेत्र में भी अपना बहुमूल्य और अतुलनीय योगदान दिया । विद्यालय के प्राचार्य  आशुतोष झा ने इस ख़ास मौके पर कहा कि आर्य समाज के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले महात्मा हंसराज  देश के प्रसिद्ध समाज सुधारक तथा शिक्षा शास्त्री के रूप में जाने जाते हैं । भारतवर्ष में डीएवी संस्थान के वर्चस्व के पीछे महात्मा हंसराज जी का बड़ा त्याग व समर्पण रहा है ।

ज्ञात हो कि हो कि 1883 ई• में स्वामी दयानंद सरस्वती के निधन के पश्चात् महात्मा हंसराज ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर श्रद्धांजलि स्वरूप 1885 ई• में ‘दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी’ की स्थापना की थी । तत्पश्चात् डीएवी सोसाइटी ने 1 जून 1886 ई• को लाहौर में ‘डीएवी महाविद्यालय’ की स्थापना किया था । अंततः 1886 ई. में महात्मा हंसराज ने ही सर्वप्रथम 22 वर्ष की अवस्था में डीएवी शिक्षण संस्थान के पहले हेडमास्टर के रूप में कार्यभार संभाला था ।

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