अम्बिकापुर: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आकर्षक स्टॉल लगाया गया। स्टॉल में विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए “गांव के विकास की यात्रा” विषय पर एक विशेष मॉडल तैयार किया गया, जिसने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

विभाग द्वारा निर्मित इस मॉडल में छत्तीसगढ़ के गांवों की 25 वर्ष पूर्व की स्थिति और वर्तमान स्वरूप को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है। एक ओर जहां पुराने गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी कच्ची सड़कें, अधूरी बिजली व्यवस्था, असुरक्षित पेयजल स्रोत और कच्चे मकान दर्शाए गए हैं, वहीं दूसरी ओर आज के नए छत्तीसगढ़ के विकसित गांव की तस्वीर दिखाई गई है। इसमें जल जीवन मिशन से घर-घर पहुंच रहा शुद्ध पेयजल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने पक्के मकान, हर गांव तक पहुंची बिजली और सड़कों की सुविधाओं को दर्शाया गया है।

स्टॉल में जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे अभियानों की झलक भी प्रस्तुत की गई। विभाग द्वारा निर्मित सोक पिट, बोल्डर चेक डैम, वाटर रिचार्ज सिस्टम जैसी तकनीकों के मॉडल दर्शकों को यह समझा रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे हर बूंद का संरक्षण कर भूजल स्तर को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।

स्टॉल का अवलोकन करने आए स्कूली छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों ने बताया कि विभाग द्वारा बनाया गया मॉडल वास्तव में छत्तीसगढ़ की ग्रामीण विकास यात्रा को सजीव कर देता है। छात्रों ने कहा कि आज हम अपने गांवों को विकसित होते देख रहे हैं, जहां पहले सुविधाओं का अभाव था, वहीं अब शासन की योजनाओं से हर घर में बिजली, पानी और पक्के मकान की सुविधा है। यह देखकर गर्व होता है कि हमारा छत्तीसगढ़ कितना आगे बढ़ चुका है।

राज्योत्सव में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का यह स्टॉल ग्रामीण परिवेश में आए परिवर्तन और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के धरातल पर दिखने वाले प्रभाव का सशक्त उदाहरण बन गया है। दर्शकों ने विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मॉडल न केवल विकास की उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित भी करते हैं।

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