
अंबिकापुर/उदयपुर। सरगुजा जिले के उदयपुर मुख्यालय के विकासखंड शिक्षा अधिकारी का अनोखा कारनामा सामने आया है जिसमें उदयपुर मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक पाठशाला एवं माध्यमिक पाठशाला से वसूली करने का ऑडियो सामने आया है। जिसमें संकुल समन्वयक के द्वारा प्राथमिक स्कूल के प्रधान पाठक से रिश्वत की राशि दबाव पूर्वक मांग करने का बातचीत करने का ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है।वायरल ऑडियो का “संचार टुडे सीजीएमपी न्यूज़” पुष्टि नही करता।
सुनिए ऑडियो
विकासखंड शिक्षा अधिकारी रविकांत यादव के रिश्वत की राशि मांग करना कोई नया बात नहीं है इसी तरह रिश्वत की राशि दे देकर तंग होने के पश्चात एक शिक्षक ने पैसे का मांग करते हुए और बाकी शिक्षकों ने कितना कितना रुपए दे चुका है जिसका फोन में बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया जिसमें यह कहते हुए सुना जा सकता है की जल में रहकर मगर से बैर करना ठीक बात नहीं है मतलब इसका यह हुआ की छोटे शिक्षकों को उनकी प्रत्येक कार्यकाज के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा प्रत्येक संकुल समन्वयक को लगाकर प्राथमिक स्कूलों में ₹2000 और माध्यमिक स्कूलों में ₹3000 की राशि जमा करने के लिए दबाव बनाया जाता रहा है पिछले वर्ष 2024 में भी इसी तरह से सभी संकुल समन्वयकों को लगाकर सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में 2000 और 3000 की राशि वसूली की गई थी वेतन विवरण बनाने के लिए भी ₹500 से लेकर 3000 से ₹5000 तक का राशि वसूल किया जाता है कुछ ही दिन पूर्व ग्राम कुंमडेवा के कर्मीटिकरा स्कूल के प्रधान पाठक से संकुल समन्वयक चंद्रिका प्रसाद यादव के द्वारा बलपूर्वक राशि की मांग करते हुए शिक्षक को धमकी देकर गाली गलौज तक कर दिया गया बात यहीं खत्म नहीं हुआ विवाद इतना बढ़ गया की शिक्षक को बेवजह शराब का आदि व्यक्ति है का आरोप लगा दिया गया और बीईओ के द्वारा जांच पंचनामा कर सस्पेंड करने जिला शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट सौंप दिया गया है। जबकि शिक्षक के द्वारा शराब पीने का कोई ऐसा पुष्टि नहीं है। उक्त मामले को लेकर शिक्षक ने भी जंग छेड़ दी है की इसी तरह हर माह चार, माह में विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल समन्वयक को पैसा देते रहे तो शिक्षक अपनी परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएगा शिक्षक ने भी रिश्वत की राशि बार-बार दिए जाने से तंग होकर सरगुजा कलेक्टर, एसपी कार्यालय में भी जाकर शिकायत प्रेषित किया है कि मामले का जांच कर भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही किया जाए ताकि इस प्रकार से भविष्य में कोई किसी शिक्षक को परेशान ना कर सके।