महाराष्ट्र के सतारा जिले में 26 वर्षीय महिला डॉक्टर की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। फलटण के उप-जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत इस डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में गंभीर खुलासे किए। उन्होंने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर पर चार बार बलात्कार और पांच महीने तक मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। साथ ही, एक सांसद और उनके सहायकों द्वारा भी दबाव बनाए जाने की बात नोट में लिखी गई।

सुसाइड नोट में सनसनीखेज खुलासे

डॉक्टर ने अपने हथेली पर लिखा, “मेरी मौत का कारण सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडने हैं, जिन्होंने मेरा बलात्कार किया।” सुसाइड नोट में उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें नकली मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए मजबूर किया गया। विरोध करने पर सब-इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया। डॉक्टर ने 21 बार विभिन्न अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले का संज्ञान लिया। सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडने को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। प्रशांत बनकर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। डॉक्टर की चचेरी बहन ने आरोपों का समर्थन किया।

समाज और सिस्टम पर सवाल

इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा, पुलिस की जवाबदेही और प्रशासन की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। 21 शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई न होना सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है। सोशल मीडिया पर लोग दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।

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