नई दिल्ली : दिल्ली की लाइफलाइन कहे जाने वाली मेट्रो (Delhi Metro) लोगों के सफर को सस्ते में आरामदायक सफर तो देती ही है. साथ ही इससे समय की भी बचत होती है. यही कारण है कि रोजाना 60 लाख से भी ज्यादा लोग दिल्ली मेट्रो में ट्रैवल करते हैं. मगर अब उनके लिए एक खुशखबरी है. दिल्ली मेट्रो की कई ट्रेनें पुरानी हो चुकी हैं. उनका अब कायाकल्प हो रहा है, जिस कारण वो एडवांस (Advance) हो जाएंगी. यानि इन ट्रेनों में भी नई ट्रेनों जैसी हाईटेक सुविधाएं मिलेंगी.

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो के पहले चरण में बनी रेड लाइन (दिलशाद गार्डन से रिठाला) कॉरिडोर की मेट्रो अब हाईकेट हो गई है. यात्रियों को इनमें भी नई ट्रेनों की तरह सुविधाएं मिलेंगी. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने अपनी पुरानी फेज-1 की करीब 20 साल पुराने इन कोचों को मिड-लाइफ ओवरहॉल के तहत पूरी तरह से अपग्रेड किया है.

कुल 30 ट्रेनों का कायाकल्प करके अब नई ट्रेनों की तरह उसमें मोबाइल, लैपटाप चार्जिंग समेत कई सुविधाएं दी जा रही है. डीएमआरसी अधिकारियों के अनुसार, अब इन पुरानों ट्रेनों को अपग्रेड करने के बाद सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल-लैपटॉप चार्जिंग पोर्ट, पैसेंजर इंफॉर्मेशन बोर्ड, डायनेमिक रूट मैप और आधुनिक फायर डिटेक्शन सिस्टम जैसी सुविधाएं मौजूद होंगी. मेट्रो फेज एक की पुरानी ट्रेनों में पहले यह सुविधाएं नहीं थीं.

दोबारा किया गया पेंट
यही नहीं ट्रेनों को नया लुक देने के लिए डिब्बों का फर्श नए कंपोजिट मटिरियल से बदला गया है. ड्राइवर केबिन और सैलून का पुनः पेंट किया गया है. इलेक्ट्रिकल पैनल को भी आधुनिक रिले सिस्टम से अपग्रेड किया गया है. इससे यात्रियों को सुविधाएं भी मिली हैं आर नई ट्रेन खरीदने की लागत भी बची है. अगले दो से ढाई साल में ब्लू लाइन (नोएडा से द्वारका) कॉरिडोर की 22 ट्रेनों को भी अपग्रेड किया जाएगा.

क्या-क्या हुए बदलाव?
मेट्रो में सीसीटीवी कैमरे लगाएं हैं. सीटों के पास मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग पोर्ट लगाए हैं. डिजिटल रूट मैप के अलावा एलसीडी पैसेंजर इंफॉर्मेशन।फायर डिटेक्शन सिस्टम (स्मोक/हीट डिटेक्शन, अलार्म और इमरजेंसी सिस्टम सहित) लगे हैं.

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