Karwa Chauth 2025: आज सभी सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखेंगी। करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। करवा चौथ को कर्क चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं बिना जल और अन्न ग्रहण करे बिना व्रत रखती हैं और शाम को विधिवत पूजा के बाद रात को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही भोजन ग्रहण करती हैं।

चंद्रोदय का समय

करवाचौथ के दिन चंद्रोदय का समय शाम 8 बजकर 14 मिनट बताया जा रहा है। इस दिन उपवास रखने का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा ।

चांद को अर्घ्य देने का समय

10 अक्तूबर को पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 07 मिनट तक है। इस समय पूजा करना सबसे बेहतर रहेगा। हालांकि, सुहागिन आज पूरे दिन ही पूजा-पाठ में लगी रहती हैं।

करवा चौथ का महत्व 

करवा चौथ को करक चतुर्थी भी कहा जाता है। “करवा” या “करक” मिट्टी के उस पात्र को कहा जाता है जिससे चंद्रमा को अर्घ्य (जल अर्पण) दिया जाता है। पूजा में करवा का विशेष महत्व होता है और इसे दान स्वरूप ब्राह्मण या किसी सुहागिन महिला को दिया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं।

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