नई दिल्ली:  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लाखों भारतीय किसानों के लिए एक लाइफलाइन बन गया है।

केसीसी एक बैंकिंग प्रोडक्ट है, जो किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे कृषि इनपुट खरीदने के साथ-साथ फसल उत्पादन और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए नकदी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समय पर किफायती ऋण उपलब्ध करवाता है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, एक इन्फोग्राफिक के साथ, निर्मला सीतारमण के कार्यालय की ओर से बताया गया कि 5.7 लाख करोड़ रुपए की क्रेडिट सीमा के साथ 465 लाख से अधिक एप्लीकेशन स्वीकृत किए गए हैं।

इस योजना ने अल्पकालिक फसल ऋण तक आसान पहुंच को बढ़ावा दिया है। पोस्ट में कहा गया है कि समय पर पुनर्भुगतान के साथ 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है।

समय पर लोन चुकाने पर किसानों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव (पीआरआई) भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे किसानों के लिए ब्याज दर प्रभावी रूप से 4 प्रतिशत हो जाती है।

इस प्रकार, प्रत्येक एक लाख केसीसी लोन पर किसान प्रति वर्ष 9,000 रुपए तक ब्याज बचा सकते हैं।

सरकार ने सब्सिडी वाले केसीसी लोन की सीमा को भी 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है, जिससे मछुआरों और डेयरी किसानों सहित लगभग 7.7 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है।

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने कृषि बजट बढ़ाने और देश में किसानों के कल्याण को पूरा करने वाली विभिन्न योजनाओं को शुरू करने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की भी सराहना की।

वित्त मंत्री सीतारमण के कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 2013 में केवल 21,500 करोड़ रुपए से 2024 में 1.22 लाख करोड़ रुपए तक, कृषि बजट में 5 गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की अपने किसानों और उनके कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

–आईएएनएस

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