नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने आज बुधवार को तुर्किए की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ अपने समझौते को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा की और लिखा, “राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के चलते जेएनयू और इनोनू यूनिवर्सिटी, तुर्किए के बीच समझौता निलंबित किया जाता है। जेएनयू राष्ट्र के साथ खड़ा है।” यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब तुर्किए और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिए जाने के बाद भारत में इन दोनों देशों के खिलाफ जनभावनाएं तेज हो गई हैं। ये घटनाक्रम भारत द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सामने आया है, जिसके बाद देश में तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा पर व्यापक बहिष्कार देखने को मिला है।

गौरतलब है कि 8 मई की रात पाकिस्तान ने लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर ड्रोन घुसपैठ की कोशिश की। रक्षा अधिकारियों के अनुसार इन ड्रोन हमलों में लगभग 300 से 400 ड्रोन शामिल थे, जिनमें से कई तुर्की निर्मित थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने कई ड्रोन को ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ तरीकों से मार गिराया। प्रारंभिक फॉरेंसिक जांच में पुष्टि हुई है कि इन ड्रोन में ‘Asisguard Songar’ और ‘Yiha’ (या YEEHAW) जैसे तुर्की मूल के UAV शामिल थे। इस पूरी स्थिति से यह स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रीय भावना कितने गहराई से जुड़े हुए हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत में तुर्किए और अजरबैजान का बहिष्कार जोर पकड़ चुका है और इसके चलते पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है।

गौरतलब है कि 7 मई की सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों सटीक स्ट्राइक की थी। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश को संबोधित करते हुए कहा कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक के बाद अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई नीति है।

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