नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने शनिवार को घोषणा की कि वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक निजी अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने जा रही है। इस मिशन का नाम Axiom Mission 4 (Ax-4) है, जो Axiom Space कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह मिशन 10 जून, मंगलवार को सुबह 8:22 बजे (स्थानीय समयानुसार) फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि इसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे, जो इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे। यह पहला अवसर होगा जब कोई ISRO अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक एक निजी मिशन में जाएगा। गौरतलब है कि यह मिशन अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई सहमति का परिणाम है, जिसमें भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने का वादा किया था।

बता दें कि Ax-4 मिशन SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च होगा और नई ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए चालक दल को अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाया जाएगा। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का डॉकिंग समय अगले दिन यानी बुधवार, 11 जून को दोपहर 12:30 बजे (स्थानीय समय) तय किया गया है। यह मिशन लगभग दो सप्ताह तक चलेगा, जिसमें चालक दल विज्ञान से जुड़े प्रयोग, शैक्षणिक कार्यक्रम और वाणिज्यिक गतिविधियों को अंजाम देगा। NASA, ISRO, और Axiom Space के बीच यह गहरा सहयोग पांच संयुक्त विज्ञान परियोजनाओं और दो STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) से जुड़े इन-ऑर्बिट प्रयोगों के जरिए भी दिखेगा।

मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे। इस मिशन की कमान पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पेगी व्हिटसन के पास होगी। वहीं शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में शामिल होंगे, जबकि पोलैंड के ESA (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) परियोजना अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज्नान्स्की विस्नेवस्की और हंगरी के टिबोर कापू मिशन स्पेशलिस्ट होंगे। इस मिशन के साथ ही पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रुकेंगे।

NASA इस मिशन की जिम्मेदारी अंतरिक्ष यान के स्टेशन के पास पहुंचने के समय से लेकर पूरे प्रवास और वापसी तक निभाएगा। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह जानकारी साझा की और लॉन्च की तारीख और समय की पुष्टि की। यह मिशन भारत, अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के बीच बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक है और निजी कंपनियों जैसे Axiom Space और SpaceX की अहम भूमिका को भी दर्शाता

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