बलरामपुर।बलरामपुर जिले के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष सुदामा राजवाड़े ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कहा कि वाड्रफनगर के ग्राम गाजर के देवसाय पहाड़ी कोरवा सहित एक अन्य प्रार्थियों की भूमि पर दबंगो ने जबरन कब्जा कर रखा है। उच्चस्तरीय कराकर कार्रवाई मांग की है।

जिलाध्यक्ष ने ज्ञापन सौंपकर कहा कि देवसाय पिता रामप्रसाद कोरवा ग्राम गाजर तहसील वाड्रफनगर ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार फाउंडेशन को लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत कर कहा कि उनकी निजी भूमि खसरा नंबर 433, रकबा 0.60 हेक्टेयर भूमि रामसाय पिता रामप्रसाद, बाबूराम पिता रामप्रसाद व देवसाय पिता रामप्रसाद के नाम पर राजस्व अभिलेख में दर्ज है। प्रार्थी का आरोप है कि गोर्वधन यादव पिता भंवर यादय व उदय यादय पिता चंद्रमन यादव के द्वारा मिली भगत कर फर्जी तरीके से एक अन्य व्यक्ति को फर्जी पटवारी बनाकर भूमि की नाप कराई गई है। तथा विनेशर पिता मोती को गलत तरीके से भूमि आवंटित करना बताया गया है। भूमि को वर्तमान में विनेशर पिता मोती जबरन जुताई कर रहा हैं, जिससे प्रार्थी को अपने वैधानिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है।दूसरा मामला रामसाय, बाबूराम व देवसाय पिता रामप्रसाद ग्राम गाजर तहसील वाइफनगर की भूमि खसरा नंबर 418, रकबा 0.70 हेक्टेयर पर बलराम यादव, जितेन्दर यादव, राजेश्वर यादव व सुरेश यादव द्वारा जबरन कब्जा कर रखा है। प्रार्थियों को उक्त जमीन पर जाने से रोका जा रहा है एवं जान से मारने की धमकी दी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार फाउंडेशन द्वारा मौके पर जांच के दौरान पाया गया कि खसरा नंबर 418, रकबा 0.70 हेक्टेयर वास्तव में प्रार्थीगण के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज है।

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार फाउंडेशन की मांग

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार फाउंडेशन के अध्यक्ष सुदामा राजवाड़े ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कहा कि दोनों प्रकरणों की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई कर पहाड़ी कोरवाओं की भूमि
वापस दिलाया जाए।

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